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कब्रों के पास नमाज़ न पढने की बीस दलीलें एवं कब्रों पे मस्जिद व भवन निर्माण का हुक्म - (हिन्दी)

कब्रों के पास नमाज़ न पढने की बीस दलीलें एवं कब्रों पे मस्जिद व भवन निर्माण का हुक्म

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क़ब्रों के पास जाकर अल्लाह तआला से दुआ करना ननिंदनीय निदअत है - (हिन्दी)

क़ब्रों के पास जाकर अल्लाह तआला से दुआ करना ननिंदनीय निदअत है

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शाबान के महीने इबादतें और बिदअतें - (हिन्दी)

इस वीडियो में उल्लेख किया गया है कि शाबान के महीने की क्या फज़ीलत है, नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम विशिष्ट रूप से इस महीने में क्या कार्य करते थे, तथा पंद्रहवीं शाबान की रात को जश्न मनाने और उसमें हज़ारी नमाज़ पढ़ने, विशिष्ट इबादतें करने, उस दिन रोज़ा रखने,....

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रग़ाइब की नमाज़ की बिदअत - (हिन्दी)

क्या रगाइब की नामज़ सुन्नत है जिसको पढ़ना मुसतहब है?

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सफर के महीने के अंतिम बुद्धवार की नफ़्ल नमाज़ का हुक्म - (हिन्दी)

हमारे देश में कुछ विद्वानों का भ्रम यह है कि इस्लाम धर्म में एक नफल नमाज़ है जो सफर महीने के अंत में बुध के दिन चाश्त के समय एक सलाम के साथ चार रकअत पढ़ी जाती है जिसमें हर रकअत के अंदर सूरतुल फातिहा, सत्तरह बार सूरतुल कौसर, पचास....

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पंद्रह शाबान की रात को सूरत यासीन और मौलिद पढ़ना - (हिन्दी)

हमारे यहाँ पंद्रह शाबान की रात को लोग मस्जिदों में एकत्र होते हैं और तीन बार सूरत यासीन पढ़ते हैं और मौलिद पढ़ते हैं।

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रजब का महीना बिदआत के घेरे में - (हिन्दी)

रजब के महीने को अन्य महीनों पर कोई विशेषता नहीं प्राप्त है, इसके बावजूद बहुत सारे मुसलमान विशेष रूप से इस महीने में ऐसी विभिन्न इबादतें करते हैं जिन का इस्लाम में कोई आधार नहीं है, और वह सारी चीज़ें बिद्आत की गणना में आती हैं, जिन से बचाव करना....

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पंद्रह शाबान की हक़ीक़त - (हिन्दी)

वर्तमान समय में कुछ मुसलमानों के बीच प्रचलित बिदअतों में से एक घृणित बिदअत : पंद्रह शाबान की रात का जश्न मनाना है, जिसे अवाम में शबे-बराअत के नाम से जाना जाता है और उसमें अनेक प्रकार की शरीअत के विरुद्ध कार्य किए जाते हैं, जिनके लिए ज़ईफ़ और मनगढ़त....

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शबे-बराअत की हक़ीक़त - (हिन्दी)

शबें शबे-बराअत की हक़ीक़तः कोई महीना ऐसा नहीं बीतता जिसमें बिदअती और अपनी इच्छाओं के पुजारी लोग धर्म के नाम पर कोई न कोई नवाचार निकालकर अंजाम न देते हों। उन्हीं में से शाबान महीने की पंद्रहवीं रात को विशेष उपासना करना, उसके दिन का रोज़ रखना, हलवा बनाना, और....