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दुश्मनों के क्या अधिकार हैं? अज़ान और नमाज़ के संबंध में अनभिगता के कारण बड़ी भ्रान्तियाँ पाई जाती हैं। यह बात उस समय और दुखद हो जाती है जब बिना सही जानकारी के इस्लाम की इस पवित्र एवं कल्याणकारी उपासना के संबंध में निसंकोच अनुचित टीका-टिप्पणी तक कर दी जाती है और उसके बारे में सही जानकारी प्राप्त करने का कष्ट तक नहीं किया जाता है। बहुत से लोग अज्ञानतावश यह समझते हैं कि अज़ान में ’अकबर बादशाह’ को पुकारा जाता है! कबीरदास जैसे संत तक ने भी अपनी अनभिज्ञता के कारण अज़ान के संबंध में कह डाला: कंकर पत्थर जोर के मस्जिद लिया बनाय । तापे मुल्ला बांग दे, क्या बहरा हुआ खुदाय ।। इस पुस्तिका में नमाज़ का महत्व और अज़ान तथा नमाज़ का मूल अर्थ बताया गया है। ताकि इनका सही स्वरूप जनसामान्य के सामने आ सके और इनके संबंध में भ्रान्तियाँ दूर हो सकें।