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हमारे जन्म का उद्देश्य: अल्लाह सर्वशक्तिमान ने मनुष्य की उत्पत्ति की और धरती की समस्त चीज़ों की रचना करके उनके लिए इस दुनिया में जीवन यापन का बढ़िया प्रबंध किया तथा उन्हें असंख्य अनुकंपाओं और नेमतों से सम्मानित किया। लेकिन बहुत कम ही मनुष्य ऐसे हैं जो इस तथ्य पर मननचिंतन करते हैं कि हमारे जन्मदाता का इसके पीछे कोई लक्ष्य है अथवा उसने मनुष्य को व्यर्थ और अकारण बनाया है ॽ जबकि वास्तविकता यह है कोई बुद्धिमान अकारण कोई काम नहीं करता, तो फिर सर्वबुद्धिमान और सर्वज्ञानी अल्लाह सर्वशक्तिमान की यह रचना उद्देश्यहीन कैसे हो सकती हैॽ बल्कि इस ब्रह्माण्ड और उसके बीच मौजूद सृष्टि में मननचिंतन करने वाला इस निष्कर्ष पर पहुँचता है कि उसका एक महान रचयिता और सृष्टा है और वह अकेला है उसका कोई साझी और सहायक नहीं, वही एक मात्र सृष्टा, जन्मदाता और रचयिता है, वही स्वामी और पालनहार है, वही मृत्यु और जन्म देता है और वही सबको जीविका प्रदान करता है। अतः वही एकमात्र पूजा के योग्य और उपास्य व आराध्य है। वही सत्य पूज्य है और उसके अतिरिक्त जिसकी भी पूजा की जाती है वह असत्य और व्यर्थ है।