ज़कात
"ज़कात" इस्लाम के पाँच मूल स्तंभों में से एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जिसका इस्लाम में एक महान स्थान है। अल्लाह तआला ने क़ुरआन करीम में 32 स्थानों पर इसका वर्णना किया है जिनमें से 27 स्थानों पर उसे नमाज़ के साथ उल्लेख किया है। तथा ज़कात की उपेक्षा करने वाले पर कड़ी चेतावनी आई है और उसे भयंकर यातना की धमकी दी गयी है। प्रस्तुत पुस्तिका इस विषय पर एक महत्वपूर्ण लेख है जिसमें ज़कात के महत्व, उसकी विशेषता, प्रतिष्ठा, तत्वदर्शिता, निसाब, मात्रा, तथा उसके अधिकृत लोगों का वर्णन करते हुए उसकी अदायगी न करने वाले पर चेतावनी और ज़कातुल-फित्र एंव ज़कात से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण मसाइल पर चर्चा किया गया है।
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