क्या शव्वाल के छ: रोज़े को रमज़ान की क़ज़ा पर प्राथमिकता देना जाइज़ है ?
यदि किसी महिला पर रमज़ान के रोज़ों का क़र्ज़ है तो क्या उसके लिए जाइज़ है कि वह शव्वाल के छ: रोज़ों को क़र्ज़ से पहले रखे या कि क़र्ज़ को शव्वाल के छ: रोज़ों पर प्राथमिकता दे ?