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क्या रमज़ान के रोज़े की नीयत रात में करना ज़रूरी है, या दिन के समय, जैसे कि अगर आप से चाश्त के समय कहा जाये कि आज का दिन रमज़ान का है, तो क्या आप उसकी क़ज़ा करें गे या नहीं ?