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आशूरा की फज़ीलत, नया वर्ष और आत्म-निरीक्षण - (हिन्दी)

इस लेख में मुहर्रम के महीने और विशिष्ट रूप से उसकी दसवीं तारीख (आशूरा के दिन) की फज़ीलत, महत्व और उस दिन रोज़ा रखने के अज्र व सवाब और प्रतिफल का उल्लेख किया गया है। साथ ही साथ आत्म-निरीक्षण (नफ्स के मुहासबा) के महत्व को स्पष्ट किया गया है, विशेषकर....

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जिसने रमज़ान मे कुछ दिनों का रोज़ा तोड़ दिया जिनकी संख्या उसे याद नहीं - (हिन्दी)

मैं ने एक साल मासिक धर्म (माहवारी) के दिनों में रोज़ा तोड़ दिया और अभी तक उन दिनों का रोज़ा नहीं रख सकी हूँ। इस पर कई वर्ष बीत चुके हैं। मेरे ऊपर रोज़ों की जो क़र्ज़ है मैं उसका भुगतान करना चाहती हूँ। लेकिन मुझे यह ज्ञात नहीं कि....

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बिना कारण रमज़ान के रोज़े की क़ज़ा न करने का हुक्म - (हिन्दी)

उस व्यक्ति का क्या हुक्म है जिसने रमज़ान के रोज़े की क़ज़ा को छोड़ दिया जबकि उसके पास कोई उज़्र (बहाना, कारण) नहीं है, क्या उसके लिए क़ज़ा करने के साथ केवल तौबा कर लेने काफी है, या उस पर कफ्फारा अनिवार्य है ?

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नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ओर से क़ुर्बानी का हुक्म - (हिन्दी)

क्या मुसलमान का नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ओर से क़ुर्बानी करना सही है ? इस मुद्दे में विद्वानों का विचार क्या है ? इस हदीस की प्रामाणिकता क्या है और उसकी व्याख्या क्या है ? हनश से वर्णित है वह अली रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत करते हैं कि....

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रमज़ान की क़ज़ा को किसी कारण के आधार पर विलंब करने के बीच और उसे अकारण विलंब करने के बीच अंतर - (हिन्दी)

उस आदमी के बारे में इस्लामी शरीयत का क्या हुक्म है जिसने रमज़ान के छूटे हुए रोज़ों की क़ज़ा को किसी कारणवश दूसरे रमज़ान के बाद तक विलंब कर दिया तथा एक दूसरे आदमी ने उसे बिना किसी कारण के विलंब कर दिया ?

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मृतकों की ओर से क़ुर्बानी करने का हुक्म - (हिन्दी)

यह आदरणीय शैख मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन रहिमहुल्लाह की पत्रिका ‘‘अहकामुल उज़हियाति वज़्ज़कात’’ का एक अध्याय है, जिसके अंदर क़ुर्बानी के विषय में बुनियादी उसूल का उल्लेख किया गया है और वह यह है कि क़ुर्बानी ज़िन्दा लोगों की तरफ से धर्मसंगत है। लेकिन इस समय बहुत से लोग ज़िन्दों....

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रमज़ान के दिन में संभोग करने से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न - (हिन्दी)

यह बात किसी पर रहस्य नहीं कि जिस व्यक्ति ने रमज़ान के दिन में अपनी पत्नी से संभोग कर लिया उस पर एक गुलाम आज़ाद करना, या लगातार दो महीने रोज़े रखना, या साठ मिस्कीनों को खाना खिलाना अनिवार्य है। प्रश्न यह है किः 1- अगर आदमी अपनी पत्नी से....

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मुसलमान शव्वाल के छः रोज़ों की शुरूआत कब करेगा ॽ - (हिन्दी)

मेरे लिए शव्वाल के छः रोज़ों का आरंभ करना कब से संभव है क्योंकि इस समय हमारी वार्षिक छुट्टी है ॽ

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सफ़र के महीने से अपशकुन लेना - (हिन्दी)

प्रस्तुत लेख में अपशकुन व निराशावाद का अर्थ स्पष्ट करते हुए यह उल्लेख किया गया है कि यदि मुसलमान के दिल में अपशकुन पैदा हो जाए तो उसके साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए। तथा इस बात पर प्रकाश डाली गई है कि सफर के महीने से अपशकुन लेना जाहिलियत के....

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नीयतों को एकत्रित करने का मुद्दा - (हिन्दी)

प्रस्तुत लेख एक महत्वपूर्ण मुद्दे के वर्णन पर आधारित है जिसके बारे में, विशेषकर शव्वाल के महीने में, अधिक प्रश्न किया जाता है, और यह मुद्दा ’’एक ही कार्य में कई नीयतों को एकत्रित करना’’ है।

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ज़ुल-हिज्जा महीना के शुरू के दस दिनों की सभाएँ - (हिन्दी)

ज़ुल-हिज्जा महीना के शुरू के दस दिनों की सभाएँ

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पंद्रह शाबान की फज़ीलत में क्या वर्णित है - (हिन्दी)

कुछ विद्वानों का कहना है कि पंद्रह शाबान और उस के रोज़े की फज़ीलत और पंद्रहवीं शाबान की रात को इबादत में गुज़ारने के बारे में हदीसें वर्णित हैं। क्या ये हदीसें शुद्ध और प्रमाणित हैं, या सहीह नहीं हैं ? यदि कोई हदीस सही है तो हमें स्पष्ट जानकारी....