हक़ीक़त ख़ुराफात में खो गई !
मुहर्रमुल-हराम का महीना हुर्मत व अदब और प्रतिष्ठा वाला महीना है। इस महीने में आशूरा के दिन रोज़ा रखना मुस्तहब है जो पिछले एक वर्ष के गुनाहों का कफ्फारा हो जाता है। किन्तु अधिकांश मुसलमान इस से अनभिग हैं और इस महीने की हुर्मत को भंग करते हुए इसे शोक प्रकट करने, नौहा व मातम करने और सीना पीटने...आदि का महीना बना लिया है। यह लेख उपरोक्त तत्वों की वास्तविकता पर प्रकाश डालता है।