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लैलतुल क़द्र को किस तरह जागा जाये - (हिन्दी)

लैलतुल क़द्र (शबे क़द्र) को किस तरह जागा जाये; नमाज़ पढ़ने में, या क़ुर्आन करीम और सीरते नबवी का पाठ करने, वअज़ व नसीहत (धर्मोपदेश) और मस्जिद में उसका जश्न मनाने में ?

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सदैव यात्रा करने वाले मुसाफिर का हुक्म - (हिन्दी)

मैं एक काम काज वाला आदमी हूँ। रोज़ी की तलाश में मेरी यात्रा लगातार जारी रहती है। मैं फर्ज़ नमाज़ों को सदैव अपनी यात्रा के दौरान जमा (एकत्र) करके पढ़ता हूँ, और रमज़ान के महीने में रोज़ा तोड़ देता हूँ। क्या मेरे लिए ऐसा करने का अधिकार है या नहीं....

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रोज़े की नीयत रात ही में करना - (हिन्दी)

क्या रमज़ान के रोज़े की नीयत रात में करना ज़रूरी है, या दिन के समय, जैसे कि अगर आप से चाश्त के समय कहा जाये कि आज का दिन रमज़ान का है, तो क्या आप उसकी क़ज़ा करें गे या नहीं ?

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बिना किसी कारण के रमज़ान में रोज़ा तोड़ देना - (हिन्दी)

एक महिला ने बिना किसी उज़्र (कारण) के सन् 1396 हिज्री में रमज़ान के तीन दिनों का रोज़ा तोड़ दिया, बल्कि उसने लापरवाही करते हुए ऐसा किया, तो इस बारे में अल्लाह का हुक्म (फैसला) क्या है और उस पर क्या अनिवार्य है ?

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क्या रमज़ान में रोज़े और नमाज़ की पाबंदी करने और उसके बाद ही नमाज़ छोड़ देने वाले का रोज़ा मान्य है - (हिन्दी)

यदि मनुष्य रमज़ान के महीने का रोज़ा रखने और रमज़ान में नमाज़ पढ़ने का बहुत लालायित है, किन्तु रमज़ान समाप्त होते ही नमाज़ छोड़ देता है, तो क्या उसका रोज़ा शुद्ध (मान्य) है ?

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रमज़ान के दिन में संभोग करने से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न - (हिन्दी)

यह बात किसी पर रहस्य नहीं कि जिस व्यक्ति ने रमज़ान के दिन में अपनी पत्नी से संभोग कर लिया उस पर एक गुलाम आज़ाद करना, या लगातार दो महीने रोज़े रखना, या साठ मिस्कीनों को खाना खिलाना अनिवार्य है। प्रश्न यह है किः 1- अगर आदमी अपनी पत्नी से....

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पंद्रह शाबान की फज़ीलत में क्या वर्णित है - (हिन्दी)

कुछ विद्वानों का कहना है कि पंद्रह शाबान और उस के रोज़े की फज़ीलत और पंद्रहवीं शाबान की रात को इबादत में गुज़ारने के बारे में हदीसें वर्णित हैं। क्या ये हदीसें शुद्ध और प्रमाणित हैं, या सहीह नहीं हैं ? यदि कोई हदीस सही है तो हमें स्पष्ट जानकारी....

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पंद्रह शाबान की रात को सूरत यासीन और मौलिद पढ़ना - (हिन्दी)

हमारे यहाँ पंद्रह शाबान की रात को लोग मस्जिदों में एकत्र होते हैं और तीन बार सूरत यासीन पढ़ते हैं और मौलिद पढ़ते हैं।

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पंद्रह शाबान की रात को विशिष्ट रूप से खैरात करना - (हिन्दी)

मेरे पिता ने अपने जीवन में मुझे यह वसीयत की थी कि मैं अपनी यथा शक्ति प्रति वर्ष पंद्रह शाबान की रात को खैरात किया करूँ। और वास्तव में, अभी तक मैं ऐसा करता रहा हूँ। किन्तु कुछ लोगों ने इस पर मेरी निंदा करते हुए कहा कि ऐसा करना....