बिना एहराम के मीक़ात को पार कर जाने वाले पर फिद्या अनिवार्य है

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translation लेखक : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन
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बिना एहराम के मीक़ात को पार कर जाने वाले पर फिद्या अनिवार्य है

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बिना एहराम के मीक़ात को पार कर जाने वाले पर फिद्या अनिवार्य है

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मैं उम्रा की नीयत से रियाद से जद्दा जाने वाले विमान पर सवार हुआ, फिर विमान के पायलट ने घोषणा किया कि पच्चीस मिनट के बाद हम मीक़ात के ऊपर से गुज़रें गे, किंतु मैं मीक़ात के ऊपर गुज़रने के समय से चार या पाँच मिनट गाफिल हो गया और हमने उम्रा के मनासिक (कार्य) पूरे कर लिए, तो ऐ आदरणीय शैख, अब क्या हुक्म है ॽ

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