सदैव यात्रा करने वाले मुसाफिर का हुक्म

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translation लेखक : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश
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सदैव यात्रा करने वाले मुसाफिर का हुक्म

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सदैव यात्रा करने वाले मुसाफिर का हुक्म

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मैं एक काम काज वाला आदमी हूँ। रोज़ी की तलाश में मेरी यात्रा लगातार जारी रहती है। मैं फर्ज़ नमाज़ों को सदैव अपनी यात्रा के दौरान जमा (एकत्र) करके पढ़ता हूँ, और रमज़ान के महीने में रोज़ा तोड़ देता हूँ। क्या मेरे लिए ऐसा करने का अधिकार है या नहीं है ?